अउ कोन आन कारन ले महिला अपन जिनगी ल खतम करे बर चाहथे?
सदमा: कईझन माईलोगन ल अपन जिनगी म कोनो दुखदई घटना के सामना करे बर पड़थे, जेखर ले ओमन ल सदमा पहुंच जथे। ओमन अइसन सदमा ले निपटे बर नइ जानें अउ अपन जिनगी ल खतम करे के इच्छा पइदा हो जथे। सदमा ले, कोनो मनखे के सारीरिक अउ मानसिक नकसान होथे, जेखर ले निपटना कई बखत अब्बड़ कठिन हो जथे अउ एखर कारन स्थई नकसान घलोक हो जथे।
अइसन सदमा के पाछु, घरेलू हिंसा, बलात्कार, जुद्ध, यातना अउ पराकिरतिक आपदा घलोक सामिल होथे। एखर अलावा महतारी-बाप, पति या लईका के मउत, नउकरी चले जाना अउ घर छूट जाना तको सदमा के कारन होथे। कईझन कोनो पुराना बीमारी या फेर बिकलांगता ले ग्रसित हो जथें, जेखर ले ओमन ल सदमा पहुंचथे। ए सबो कारन ले कईझन माईलोगन मन दुख-पीरा, सरम अउ भय ले घिर जथें, अउ ओमन ल लगे ल लगथे के एखर ले बाहिर निकले के एकेठनमात्र रद्दा आत्महत्या हरे।
अउसाद या भारी संसो: माईलोगन ल निरासा म डुबोए बर हमेसा जिनगी के कोनो नकारात्मक घटना या फेर सदमा के जरूवत नइ होवए। जादातर माईलोगन अपन रोज के जिनगी म अब्बड़ तनाव के सामना करथें, जेखर ले उंखर भीतर अउसाद अउ भारी संसो पइदा हो जथे। यहु हर आत्महत्या के कारन बन सकत हे।
अउसाद, निरासा के स्थिति या कोनो काम बर अरूचि के भाउना हरे, जेन हा लम्बा समय तक ले कोनो मनखे के बेवहार, बिचार, भाउना और कल्याण ल परभावित कर सकत हे। जेला चिकित्सा करइया लोगन मन अउसादग्रस्तता बिकार कहिथें, एहर 'मन के भारीपन' या फेर 'भाउना अउ मन के अभाव के कारन घलो बनथे।
लंबा बखत ले होवइया घबरासी, संसो अउ बेचेनी के भाउना ल भारी संसो के बिकार केहे जथे। अइसन बिकार म नरवस अटैक अउ अब्बड़ मानसिक तनाव पइदा होथे। जब कोनो महिला हर अब्बड़ लंबा बेरा ले अइसन समसिया के सामना करथे, त ओला उबकासी महूसस होय बर लगथे अउ ओ हर अपन समसिया के सामना नइ करे पाए। जइसे, काम-बूता, पइसा-कउड़ी, भोजन-पानी या फेर बर-बिहाव ले जुड़े समसिया।
अइसन म अगर कोनो परभावित महिला ल सही बेरा म सहायता नइ मिलए त अउसाद अउ भारी संसो हर आत्मघाती बेवहार के कारन बन सकत हे। अइसन समसिया तब अउ जादा बढ़ जथे, जब कोनो परभावित महिला ल अपन जतन करे के बजाए, पहिली दूसर मनखे के जतन करे बर सिखाए जथे अउ ओ हर अपन जरूवत के उपेक्षा करथे। जादातर बिकाससील देसन म मानसिक स्वास्थ्य सहायता के कमी होथे। एखर कारन मानसिक समसिया अउ बीमारी के बने असन इलाज-पानी नइ हो पाए।