अक्षमता प्रभावित महिलाओं को अक्सर आत्म सम्मान की कमी कयों होती है
अक्षमता प्रभावित महिलाओं के साथ अक्सर भेद-भाव होता है। वे शादी के उपयुक्त भागीदार के रूप में अस्वीकार कर दिये जाते हैं या कार्य स्थल में इनकी 'खराब' छवि मानी जाती है। शिक्षा की सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद भी अक्षमता प्रभावित लड़कियां और महिलायें अक्सर शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाती हैं। उदहारणतः, अक्षमता प्रभावित बच्चेो के विशेष विद्यालयों मे भी, आमतौर पर लड़कों को प्राथमिकता दी जाती है। अक्षमता प्रभावित महिलाओं को कार्य संबधित प्रशिक्षण मिलने की संभावना काफी कम है। इनको अकसर शारीरिक, भावनात्मक और यौन उत्पिड़न का कटु अनुभव करना पड़ता है। सभी सक्षम पुरुषों और महिलाओं के विपरित, इनको घर पर या समुदाय में निर्णय लेने की अनुमति शायद ही कभी दी जाती है।
अक्षमता प्रभावित महिलाओं को समाज अक्सर स्वयं को कम आंकने की सलाह देता है। इनको आम तौर पर पुरुषों के साथ रहने औ्रर बच्चे पालने के योग्य नहीं माना जाता है, और किसी सार्थक कार्य करने में असमर्थ माना जाता है। इसलिए इनहें निरर्थक माना जाता है। यहां तक की इनके विस्तारित परिवार भी इनको तब ही रखते हैं जब ये मूल्यवान सिद्ध होते हैं।