अगर मैं हर कोढ़ के बीमारी ले संकरमित हो गे हव त मैं अपन सरीर के जतन कइसे कर सकत हवं?
सबले जरूरी बात ये हे कि आपमन नियमित रुप ले अपन जतन करत रहव। अउ अपन हाथ-गोड़ ल चलात-फिरात रहव, एखर ले आपमन अपन चमड़ी ल कोनो भी नुकसान ले बचा सकत हव।
एखऱ अलावा, आपमन ल चाही के हर रोज आप अपन सरीर के जांच करव। जइसे चमड़ी में कोनो परकार के दाग, कोनो हिस्सा के सुन्न हो जाना, मोटा नस या फेर घाव। अगर आपमन ल अइसन कोनो बदलाव दिखत हे त, किरपा करके कोनो स्वास्थ्य कारकरता ल एला दिखावव।
आपमन ल नियमित रुप ले स्वास्थ्य केंद्र म जांच करवाना चाही।
अगर आपमन ल कोनो पर के चोट लगे हे, त रोज ओखर जतन करव।
अगर परभावित हिस्सा म सुन्न असन लगत हे, त खुद ल चोट लगे ले बचाए के जरुवत हे।
ए सबो जतन ल कइसे करना हे, एखर बारे म आगु के सवाल म अलग ले समझाए गे हे।
अगर आपमन के इलाज चलत हे, त डाक्टर के सलाह मुताबिक नियमित रुप ले दवइ खात रहना चाही। अगर आपमन गर्भवती हव या फेर लइका ल दूध पियावत हव, त किरपा करके इलाज के पहिली डाक्टर ल एखर बारे म जरुर बतावव, डाक्टर ह लइका के सुरछा ल धियान म रखत हुए दवइ लिखही। वइसे ए दउरान आपमन अपन इलाज करवा सकत हव, काबर के इलाज ले महतारी अउ लइका दुनो सुरछित रहिथें।
दवइपानी ल रोक देहु त कोढ़ के बीमारी लहुट सकत हे या फेर कोढ़ के प्रतिक्रिया हो सकत हे। जइसे चमड़ी के दाग के लाल हो जाना या फेर सूज जाना, चमड़ी के तरी म गठान हो जाना, जर आना, बीमार महसूस होना, सरीर के दूसर हिस्सा म सूजन हो जाना या फेर तंत्रिका के छति होना। अगर आपमन ल अइसन सबो प्रतिक्रिया दिखत हे, त सिद्धा स्वास्थ्य कारकरता संग बात करव।
एखर अलावा, स्वच्छता के धियान रखना भी अब्बड़ जरुरी हे। जइसे, खाए के पहिली अउ सौचालय के बाद अपन हाथ-गोड़ ल बने असन धोना।
अगर आपमन अपन सरीर के सुरछा ल मजबूत करहु, त आपमन कोनो भी परकार के संकरमन संग लड़ सकत हव। एखर बर आपमन ल साफ पानी पीना चाही अउ स्वस्थ अउ अलग-अलग परकार के खाना खाना चाही, जेमा कइ परकार के फर अउ साग-भाजी सामिल रहे। बीड़ी-सिगरेट अउ सराब नइ पीना चाही। घर-दुआरी म हवा आए-जाए के बने व्यवस्था होना चाही।
अपन आंखी के सुरछा बर घाम वाले चस्मा पहिनना चाही अउ टोपी घलोक पहिन सकत हव। आंखी ल गिल्ला अउ साफ रखे बर अपन पलक ल झपकत रहिना चाही।
कइझन रोगी मन बर, स्व-देखभाल समूह म सामिल होना भी बढ़िया विकल्प होथे। इहां, आपमन दूसर मन संग मिलके सरीर के बढ़िया जतन के बारे म प्रसिक्षन ले सकत हव। एक-दूसर ल प्रोत्साहित कर सकत हव, एक-दूसर ल सलाह दे सकत हव। संगे-संग आपमन मानसिक अउ आरथिक मामला म सहायता हासिल कर सकत हव अउ अपन अधिकार के बारे म घलोक जानकारी ले सकत हव।