अगर मै हर कोढ़ के रोग ले संकरमित हो गे हवं त मैं कोनो परकार के चोट ले कइसे निपट सकत हवं?
अगर आपमन ल कोनो परकार के घाव या फेर चोट लगे हे, त एखर नियमित रुप ले बने असन जतन करना अब्बड़ जरुरी हे। अइसन नइ करहु त, ए घाव के जरिया रोगानु आपमन के सरीर के भीतर परवेस कर सकत हें अउ संकरमन पइदा कर सकत हें, जेखर ले आगु चलके आपमन ल नुकसान हो सकत हे। अइसन घाव के बने असन जतन करहु त घाव ठीक हो सकत हे, अउ ओ मेर कोनो दाग-धब्बा घलोक नइ होहि अउ चले-फिरे म होए वाले परसानी ले भी बच जाहु।
अगर आपमन अपन जतन बने असन करहु त, नवा चमड़ी बने म आसानी होहि अउ आपमन के घाव ठीक हो जाहि। बने असन जतन के मतलब, घाव ल साफ-सुथरा रखना हे। घाव के जतन कइसे करना हे, एखर बर ए सबो काम ल करव:
जब घाव ठीक हो जाही, त ओ मेर निसान पड़ सकत हे। अइसन निसान कुछ महीना तक बने रह सकत हके। ए हर गढ़िया सकत हे, चिपक सकत हे या छोटे हो सकत हे। जब चमड़ी मोटा हो जाही, त ए निसान के इलाज बर आपमन ओमा पट्टी बांध सकत हवं। घाव के सूखे के बाद, ओ मेर क चमड़ी ल धिर-धिर खरोंच सकत हव अउ ओमा वैसलीन या कोनो क्रीम बउर सकत हव। धियान रहे के मखना या जानवर के वसा के परयोग झन करहु, नइ तो किरवा या मूसवा आकरसित हो सकत हे।
जादा बड़े घाव, परभावित हिस्सा म विकृति या परसानी पइदा कर सकत हे।
एखर सेती, आपमन ले अइसन विकृति ल दूर करे बर, विसेस प्रसिक्षन, जइसे फिजियोथेरेपी करवाए बर पड़ही। फिजियोथेरेपी करइआ डाक्टर ह आपमन ल परभावित अंग ले हिलाए-डुलाए बर व्यायाम सिखाही। अइसन व्यायाम ल तुरते सुरु करना चाही अउ बार-बार एखर अभ्यास करना चाही। ए सबो तरीका ले आपमन कोनो भी परकार के परसानी या फेर विकलांगता ल रोक सकत हव। अगर आपमन ल अलसर हे त परभावित हिस्सा ल धिरकन हिलाव-डुलाव।
एखऱ अलावा, अपन हाथ-गोड़ के कोनो हिस्सा के जांच करत रहव या फेर कोनो दूसर मनखे संग करवात रहव। घाव या कांटा ल ढूंढव। अगर हाथ या गोड़ म, कोनो परकार के धब्बा हे, जेन लाल, गरम अउ सूजे असन हे, त ए हर घाव के सुरुआत हो सकत हे। अइसन कुछु दिखे म, अपन हाथ-गोड़ ल तब तक आराम देवव, जब तक ओ ह पूरा तरीका ले ठीक न हो जाए।