अगर मोला बुरुली घाव होगे हे त मैं अपन परिवार ल संक्रमित होए ले कइसे बचा सकत हवं?
अगर तुमन ल बुरुली घाव होगे हे त तुमन ल अपन परिवार के दूसर सदस ल संक्रमन फैइलाए के बारे म डर्राए के जरुवत नइ हे, काबर के बुरुली घाव एक मनखे ले दूसर मनखे म नइ फैइलए। एखरे सेती, तुमन ल अपन आप ल अलग-बिलग करे के जरुवत नइ हे। अपन परसानी के बारे म अपन परिवार ल बताए ले तुमन ल मदद मिल सकत हे। अपन परिवार वाले मन समझाना चाही के एमा संक्रमन फइले के कोनो खतरा नइ होवए। अउ एके संग खाए-पिए या फेर एक-दूसर ल छुए म कोनो समसिया नइ होवए। तुमन ल इस्कूल जाए बर या फेर अपन काम म जाए बर डरे के जरुवत नइ हे। साथे-साथ परिवार-जातसमाज के धरम-करम का कारकरम या दूसर काज म सामिल होए ले बचे के भी जरुवत नइ हे।
लेकिन ए बात जरुरी हे के तुमन अपन बीमारी ल झन लुकाहु। अपन पूरा इलाजपानी करवाना अब्बड़ जरुरी हे।
एहु हो सकत हे तुंहर परिवार के दूसर सदस मन तको उही वातावरन म रहत होही जिहां ए बीमारी के संक्रमन फइले के डर हे। अइसन म वहु मन ल डाक्टर के पास लेगना चाही। अउ ए देखाना चाही के उनखर सरीर म कोनो मेर चमड़ी के तरी म बिना पीरा वाले घांठा या फेर फूले तो नइ हे। अगर अइसन गांठ दिखत हे त तुरते वहू मन ल स्वास्थ्य कारकरता के संग ले जाना चाही।
ए तरीका ले, वहु मन ए बीमारी के सुरुवाती लकछन ल पकड़ सकत हें अउ अगर संक्रमन पाए जाथे त तुरते उनखरो इलाजपानी सुरु हो सकत हे। एखर रोकथाम बर धियान देना घलो अब्बड़ जरुरी हे। अउ अगर ओमन हा अपन सरीर के रक्छा परनाली ल मजबूत बना सकत हे, त एखर ले बीमारी ल अउ फइले ले रोके जा सकत हे। चाहे वो ह औरत हो या फेर आदमी, अगर ओहा स्वच्छता के धियान रखही, जइसे खाए के पहिली अउ शौच ले आए के बाद साबुन ले हाथ धोना, साफ पानी पीना अउ बने असन खानापीना, त ओला भारी मदद मिलही।