अपन-अपन भूमिका ल लेके कोन किसम के झगरा होथे?
सधारन रूप ले माईलोगन बर अपन रोजगार अब्बड़ जरूरी होथे, अउ ए हर बने बात होथे। खुद पइसा कमाए ले परिवार म उंखर परभाव अउ नियंतरन होथे, उंखर आजादी बढ़ते अउ उंखर सामाजिक स्थिति तको मजगुत होथे।
अगर दूनों साथी मन पइसा कमाथें, त परिवार के आय जादा होथे अउ उंखर जिनगी म सुधार अथे। कईझन माईलोगन के कहिना हे के खुद के रोजगार अउ परिवार के आरथिक जिम्मेवारी संभाले ले ओमन ल गरब अउ संतुस्टि महसूस होथे। लेकिन, पुरूसमन ल ये बात जादा बने नइ लगे के उंखर घरवाली हर जादा आजाद अउ आत्मबिस्वासी बने।
कई देस अउ संस्कृति म पारंपरिक रूप ले परिवार के भरन-पोसन के जिम्मेवारी पुरूस उपर निरभर करथे। एखरे सेती अगर कोनो महिला हर अपन रोजगार करथे, त पुरूस ल परिवार के मुखिया के रूप म अपन रूतबा खोए के डर रहिथे। अइसन पुरूसमन अपन घरवाली ले खुस नइ रहें।
कभु-कभु पुरूसमन ल डर होथे, के अगर उंखर घरवाली मन घर ले बाहिर काम-बूता करहीं त ओमन ल छोड़ सकत हें अउ कोनो दूसर पुरूस संग संबंध बना सकत हे। कईझन पुरूसमन मानथें के माईलोगन ल काम-बूता करे बर घर ल नइ छोड़ना चाही, ओमन ल लगथे के बाहिर के दुनिया उंखर घरवाली ल बिगाड़ सकत हे या फेर बाहिर के दुनिया म उंखर घरवाली हा अपन बात ल नइ रख सकय।
एक घांव जब कोनो महिला हर खुद पइसा कमाए ल धर लेथे, त ओ हर परिवार म जादा सम्मान, परभाव अउ मान्यता के आस करे बर लगथे। ओमन पारिवारिक फइसला (जइसे परिवार के पइसा ल कहां खरचा करना हे) म बड़े भूमिका निभाए ल लगथें। कईझन पुरूस ल ये बात बने नइ लगे अउ ओमन परिवार के मुखिया बने रहिना चाहथें।
अइसन भूमिका ल लेके पइदा होवइया झगरा ले दूनों के बीच जरूरी वैवाहिक असहमति हो सकत हावे।