आत्महत्या के बाद सबले आम परतिकिरया का होथे?

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आत्महत्या के कारन अपन कोनो करीबी ल खोना अब्बड़ दुखदई होथे। आत्महत्या के कारन अगर तुमन कोनो करीबी मनखे ल खो दे हव, अब्बड़ पीरा होथे। कोनो संगी या रिस्तादार के आत्महत्या के बाद कई परकार के परतिकिरया होथे, जइसे:

  • नइ पतियाना: जब लोगन आत्महत्या के बारे म सुनथें, त कई पइत ओमन पतियाए नइ। ओमन ल भरोसा नइ होवए के, जेन मनखे ल ओमन अतका अच्छा ढंग ले जानत रिहिन, ओ हर अतका दुखी रिहिस के अपन जिनगी ल खतम कर डलिस। एखर सेती, लोगन ओ मनखे के मउत के कोनो दूसर कारन (जइसे दुरघटना, हत्या बीमारी) ढूंढे के कोसिस करथें। कईझन त, इहां तक कहि देथें के ए बात हर झूठ हे। ए हर सोक जाहिर करे के एक हिस्सा हे।


  • घुंस्सा: कई पइत तुमन, आत्महत्या करइया मनखे बर अब्बड़ घुंसिया सकत हव। तुमन सोंच सकत हव, ओ हर अइसन कइसे कर सकत हे? ओ हर मोला छोड़ दिस। ओ हर अब्बड़ मतलबी निकलिस! दुखी मनखे के मन म अइसन सबो बिचार आना सहज बात होथे। आत्महत्या करइया मनखे के बर तुंहर घुंस्सा हर सुभाविक हे, ओखरे सेती तुमन ल पीरा होए हे।


  • दोसी मानना: तुमन एकदमहेच खुद ल दोसी मान सकत हो। हो सकत हे के तुमन सोंचव, “एमा मोर गलती हे। कास, मैं हर ओखर लकछन म धियान दे रहितेंव। मोला ओखर मदद करना रिहिस।” ए सबो सहज बिचार हे।


  • कुछु महसूस नइ होना: कई मामला म तुमन ल एकदमहे सुन्न असन लग सकत हे अउ कोनो मेर तुंहर धियान नइ लगही। भारी दुख अउ सदमा के ये हर एकठन सहज परतिकिरया हरे।


  • जेन मनखे हर अपन कोनो करीबी ल खोए हे, ओखरो मन म भारी निरासा पइदा हो सकत हे या कभु-कभु त वो हर खुदेच आत्महत्या के बारे म सोंच सकत हे।


Sources
  • Audiopedia ID: hne_28_16