आत्महत्या के बारे म मोला का जानना चाही?

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जब कोनो मनखे हर जीना नइ चाहे अउ जान-बूझके अपन जिनगी ल खतम कर लेथे, त एला आत्महत्या कहिथें। एकठन अनुमान हे के दुनिया म हर बछर करीबन 10 लाख मनखे मन आत्महत्या कर लेंथे। एखर मतलब ए होइस के दुनिया म हर सेकंड म कोनो न कोनो मेर एकझन मनखे हर आत्महत्या कर लेथे। एखर अलावा दुनिया म हर बछर 20 लाख मनखे मन आत्महत्या के परयास घलोक करथें अउ अइसन करइया मन के संख्या हर बढ़त जात हे।

लेकिन पुलिस के परताड़ना अउ सामाजिक कलंक के डर के कारन, आत्महत्या के बिस्वसनीय आंकड़ा के पता नइ चल पाए। कईठन परिवार आत्महत्या के सही सरूप के बारे म कुछु नइ बताएं।


वइसे तो जादातर अमीर देसन म आत्महत्या के संख्या कम होवत हे, लेकिन कम अमीर देसन म ए हर तेजी ले बढ़त हे।

आत्महत्या के संख्या बढ़े के अइसन कारन हो सकत हे:

  • गरीबी
  • बने असन सिकछा के कमी (अउ एखर कारन नउकरी के कमी)
  • तेजी ले होवइया उदयोगीकरन (जेखर कारन मसीन ले जादा काम होवत हे)
  • खराप स्वास्थ्य सेवा (अउसाद या भारी संसो असन मानसिक समसिया के इलाज बर मानिसक स्वास्थ्य बिसेसग के कमी)
  • खराप परंपरा अउ समझ के कमी (कईठन देस या समाज के परंपरा अइसन होथे जिहां कोनो मनखे हा जइसे हावय ओला वइसे स्वीकार करे ल नइ धरे)
Sources
  • Audiopedia ID: hne_28_1