एकाबर जरूरी हे के मे ह सुरु के लकछन के पता लगावं अउ झटकन इलाजपानी करवावं?

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बुरुली घाव के सुरुवाती लकछन म छोटकू बिना पीरा के घांठा या फेर चमड़ी के तरी म बड़का अउ कड़ा फूले-फूले असन हो जाथे। ए बीमारी म रोगानु ह एकठन बिसेला जिनिस बनाथे, जेखर ले तुमन ल बीमारी वाले जघा म पीरा नइ होए। साथे-साथ एहा सरीर के रईच्छा प्रनाली ल कमजोर कर देथे अउ संक्रमन ले लड़े म बाधा होए लगथे।

एखरे सेती, जब ए बीमारी के बेरा रहत ले इलाज न कराए जाए त बाद म घांठा ह अउ फूल जाथे, फेर पीरा नइ होए। ए बीमारी ले चमड़ी के भीतरी हिस्सा, अंदर के उतकमन अउ इहां तक के हड्डी घलो परभावित हो सकत हे। एखर ले, अपरेशन ले घलो ए घाव के इलाजपानी करे म परसानी हो जाथे। जब घाव माढ़ जाथे तभो ले घाव के चिनहा तको बन सकथे। बिसेस करके तुमन बड़का घाव ल रोज के साफ नइ करहु अउ बने असन ले ओखर जतन नइ करहु त ए घाव के निसान अउ बड़े होत जाथे। जब बीमारी ह भारी गंभीर हो जाथे, अउ तुमन घाव वाले जघा ल रोज साफ-सुथरा नइ करहु, परभावित अंग ल कसरत करके हिलाहु-डुलाहु नइ त एहा भारी बिकरीति अउ कठनइ के कारन बन सकत हे। इहां तक के आखिर म बिकलांगता तको हो सकत हे। कभु-कभु अपरेशन अउ रोज जतन कर ले ए बीमारी म मदद मिल सकत हे फेर सरीर ल होए नकसान ल ठीक नइ करे जा सके। ये स्थाइ नकसान ले आगु घलो परसानी बड़ सकत हे। तुमन ल कामकाज में दूसर परसानी के अलावा जातसमाज म तिरिसकार के सामना करे बर पड़ सकत हे, साथे-साथ तुंहर दिमागी स्वास्थ्य म घलो बुरा असर पड़ सकत हे।

भले तुमन ल कुछु पीरा नइ होवत होही, तुमन सुरु ले एखर लकछन के पता लगा लेहु, त बीमारी के बड़का नकसान होए के पहिली इलाजपानी सुरु कर सकत हव। जादातर परभावित चमड़ी के घाव ह आखिर म ठीक हो जाथे या फेर छोटकन रहि जाथे, फेर अपरेशन ले एखर बढ़िया ले इलाज करे जा सकथे। तुमन अपरेशन अउ दूसर डाक्टरी सहायता ले सकत हव। साथे-साथ एहु समझना जरुरी हे तुमन ये सिखव के अइसन घाव के इलाजपानी कइसे करे जाथे। अउ अइसन घाव के रोज कइसे जतन करना हे। ये अब्बड़ जरुरी हावे के आने परकार के रोगानु या फेर बीमारी ह अइसन घाव ल संकरमित झन करए। अइसने ढ़ंग ले, तुमन सरीर ल होए वाले कईठन नुकसान के साथे-साथ समाजिक अउ दिमागी स्वास्थ ल होए वाले परसानी ल रोक सकत हव। एखरे सेती, अइसन सब गंभीर परिनाम ले बचना हे त झटकन कोनो स्वास्थ कारकरता ले भेंट करना अब्बड़ जरुरी हावे।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_53_4