का कोढ़ के बीमारी अभी भी मउजूद हे?

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हव, कोढ़ के बीमारी अभी भी दुनिया के कइठन इलाका म मउजूद हे। ए बीमारी अइसन इलाका म जादा फइलथे, जिहां लोगन गली-कोलकी म रहिथें अउ उनला साफ पानी, स्वच्छता नइ मिलए। ए बीमारी, अइसन मनखे ल जादा धरथे, जेन मन ल अपन सरीर ल स्वस्थ रखे बर परयाप्त जेवन नइ मिलए, जेन मन भूखे रहिथें। वइसे, सामान्य परिस्थिती म बसअइया मन ल तको ए बीमारी हो सकत हे।


लेकिन बने बात ए हर के के बने असन इलाज-पानी ले कोढ़ के बीमारी ठीक हो सकत हे! वइसे पहिली के मुकाबला म अब कम झन ल ए बीमारी होवत हे। लेकिन, ए बीमारी के बारे म जादा जानकारी नइ होए के कारन, लोगन अभी भी एखर सुरुआती लकछन के बारे म नइ जानएं। ए बीमारी के सुरुआती लकछन म कोनो दरद नइ रहे, एखर कारन लोगन एखर सुरुआती लकछन ल नइ पकड़ पाएं।


एखर अलावा, जातसमाज म ए बीमारी अउ एखर इलाज ल लेके अब्बड़ अकन गलत धारना फइले हवे। लोगन म ए डर रहिथे, के ए बीमारी के संकरमन ह फइलथे। एखर कारन, परभावित मनखे ल अकसर समाजिक तिरिस्कार अउ भेदभाव के सामना करे बर पड़थे। अइसन गलत धारना के कारन, परभावित मनखे हर एखर इलाज नइ करवाए, अउ सुरुआती लकछन दिखे के बाद डर अउ सरम के कारन एला लुकाथे-छुपाथे।


लेकिन ए जानना जरुरी हे के एखर इलाज सुरु होए के थोड़क दिन बाद कोढ़ के बीमारी दूसर मनखे तक नइ फइलए। एहु बात जानना जरुरी हे कि भगवान के सराप या टोना-टोटका के कारन ए बीमारी नइ होवए। एहु बात घलोक सच नइ हे के ए बीमारी ले परभावित मनखे हर अतीत म कोनो पाप करे हे। ए सबो कारन, परभावित मनखे संग कोनो बुरा व्यवहार नइ करना चाही।


ए बीमारी के बारे म पूरा जानकारी हासिल करना, सबो मनखे बर अब्बड़ जरुरी हे।


सही जानकारी रही त, कोढ़ के बीमारी ले परभावित मनखे ह एखर सुरुआती लकछन के पता लगा सकत हे अउ कोनो नुकसान होए के पहिली अपन इलाज-पानी सुरु कर सकत हे। वो हर पूरा तरीका के बने हो सकते हे अउ एखर ले ओखर सरीर ल कोनो नुकसान भी नइ होवए।


सही इलाज ले, ए बीमारी के फइलइ ल रोके जा सकत हे। अउ कोढ़ के रोग ले परभावित मनखे समाजिक तिरिस्कार के बिना अपन जातसमाज म रह सकत हे।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_54_2