का बुरुली कैंसर अब्बड़ घलो हे?
हाव, बुरुली घाव अभी घलो दुनिया के कईठन जघा म मउजूद हे, जादातर जिहां के जलवायु तात अउ उमस असन रहिथे। ए बीमारी धिर लगाके बोहइया पानी, तरिया, पोखर या फेर दलदल वाला गांव-देहात म जादा होथे। काबर के अइसन जगह के पानी साफ नइ रहए अउ स्वछता घलोक नइ रहए। फेर बने असन जघा म बसइया मनखेमन ल तको ए बीमारी हो सकत हे। 15 बछर ले कमती उमर के कई झिन लइका मन परभावित हे, फेर सियान मनखे मन ल घलो ए बीमारी हो सकत हे।
वइसे थेरेपी के धनवाद हे जेखर ले बुरुली घाव ल ठीक करे जा सकत हे अउ आगु के नकसान अऊ सरीर के बिकलांगता ल रोके के कइठन तरीका हे। फेर, एखर बर सुरूवाती के लकछन के पता लगाना अउ बड़े नकसान होए के पहिली इलाजपानी सुरु करना अब्बड़ जरुरी हे।
फेर, जादातर मामला म सुरूवाती लकछन के बार म अभी तक ले घलो कोनो खासा जानकारी नइ हे।
असल म, जातसमाज म ए बीमारी अउ एखर इलाज के बारे म कइठन गलत सोच फइले हे। लोगन ल लगथे के दूसर के इलाज म उहूला ए बीमारी ह धर लिही। एखरे सेती, जेन मनखे ल ए बीमारी होथे, तेन ल समाजिक तिरिसकार अउ भेदभाव के सामना करे ल पड़थे। एखर ले इलाज के घलो डर पइदा होथे। एखरे सेती, जेन मनखे ल सुरूवात म ही एखर लकछन के पता चल जाथे, तेन डर अउ सरम के मारे एला छिपाए को कोसिस करथे।
लेकिन डरे कोनो जरुवत नइ हे: बुरुली घाव मनखे ले मनखे म नइ फैइलए। तेखरे सेती कोनो मनखे ल ए बीमारी हे त तुमन ल ए बीमारी ह नइ होवय। एहु बात जान लेवव के, एहा भगवान के कोनो सराप-वराप या फेर भूतबाधा नइ होवय। एहु बात सिरतोन नइ हे कि, जेन मनखे ल बुरुली घाव होए हे ओहा कोनो पाप करेहे या फेर ओहा कोनो खराप आदमी हे। एखरे सेती, बुरुली घाव ले परभावित मनखे संग अलग-बिलग व्यवहार कर के जरुवत नइ हे।
एखरे सेती ए बात सबले जरुरी हो जाथे के सब्बो झन ल ए बीमारी के बारे म अउ एखर इलाजपानी के बारे म जानकारी होना चाही। अउ कुछु गलत सोंच, जातसमाज ले बहिसकार के जरुवत नइ हे। ए तरीका ले कोनो मनखे सुरुवाती लकछन ल देख के बुरुली घाव के पहचान कर सकत हावे। ओला डरे के या फेर एला लुकाए के जरुवत नइ हे। एखर सेती, आगु कुछु बड़े नकसान अउ बिकलांगता झन होए एखर बर सुरुवात ले ही इलाज करवाना चाही अउ अपन सरीर के निगहबानी करना चाही। बुरुली घाव ले परभावित मनखे ह अपन जातसमाज म रह सकत हे अउ ओला समाजिक बहिसकार सहे के जरुवत नइ हे।