कोढ़ के बीमारी कइसे ठीक हो सकत हे? कोढ़ के बीमारी के इलाज के बारे म मोला का-का जानना चाही?
कइठन दवइ अइसन होथे जेन कोढ़ के रोग के कीटानु ल मार देथे, अउ एखर ले आपमन के बीमारी बने हो जाथे। एखर सेती, ए बीमारी के तुरते इलाज करना अब्बड़ जरुरी होथे, एखर ले आगु चलके होए वाले नुकसान ले बचे जा सकत हे। अइसन नुकसान म, परभावित अंग के सुन्न हो जाना सामिल हे, जेन ल दुबारा ठीक नइ कर जा सके।
अगर आपमन आगु चलके हो वाले नुकसान, जइसे परभावित अंग के सुन्न हो जाना या फेर हाथ-गोड़ के अंगरी ल हिलाए-डुलाए म कठनाइ होना, के पहिली ले इलाज सुरु कर देहू त आपमन पूरा तरीका ले ठीक हो सकत हव अउ आपमन के सरीर म कोनो परकार के दुरबलता तको नइ होहि।
एखर अलावा, इलाज सुरु होए के थोड़क दिन बाद, आपमन दुआरा ए बीमारी दूसर मन के बीच नइ फइलए।
अगर आपमन गर्भवती हव या फेर लइका ल दूध पियावत हव, त किरपा करके इलाज के पहिली डाक्टर ल एखर बारे म जरुर बतावव, डाक्टर ह लइका के सुरछा ल धियान म रखत हुए दवइ लिखही। वइसे ए दउरान आपमन अपन इलाज करवा सकत हव, काबर के इलाज ले महतारी अउ लइका दुनो सुरछित रहिथें।
एखर इलाज म एके संग कइ परकार के दवइ दे जाथे, जेमा तीन परकार के दवइ सामिल होथे। इनला 6 या 12 महीना तक खाए ल पड़थे। कभु-कभु, एखर ले जादा बखत बर भी दवइ खाए ल पड़थे, ताकि ए बीमारी फेर झन फइलए। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र म ए दवइ मुफत म मिलथे। अउ इनला एके संग रखे जाथे, ताकि आपमन सही तरीका ले इंखऱ सेवन कर सकव।
इलाज के दउरान आपमन अपन काम-धाम क जारी रख सकत हव। कभु-कभु, इलाज के दउरान दवइ के प्रतिक्रिया तको दिख सकत हे। काबर के दवइ हर सरीर म बचे कीटानु संग लड़त रहिथे। ए हालात म, अइसन झन सोचहु के इलाज काम नइ करत हे।
दवइ कइ परकार के प्रतिक्रिया दिखा सकत हे। जइसे चमड़ी के दाग के लाल हो जाना या फेर सूज जाना, चमड़ी के तरी म गठान हो जाना, जर आना, बीमार महसूस होना, सरीर के दूसर हिस्सा म सूजन हो जाना या फेर तंत्रिका के छति होना। अगर आपमन ल अइसन सबो प्रतिक्रिया दिखत हे, त सिद्धा स्वास्थ्य कारकरता संग बात करव। हो सकत हे के आपमन ल थोड़क दिन सुरताए ल पड़ही।
अगर आपमन समय के पहिली इलाज ल बंद कर देहू या सही बेरा म दवइ ल नइ लेहू, त कोढ़ के रोग दुबारा पइदा हो सकत हे। एखर सेती अपन स्वास्थ्य कारकरता के सलाह के मुताबिक नियमित रुप ले दवइ खात रहना चाही।
कुछेक मामला म आपमन बीमारी घलो महसूस कर सकत हव या फेर आपमन के पेट म पीरा हो सकत हे। अगर आपमन ल अइसन कुछु लगत हे, त किरपा करके दवइ लेना बंद झन करहु। सबसे पहिली अपन डाक्टर ल एखर बारे म बताहु। अइसन समसिया के हल निकल सकत हे, अउ आपमन दवइ लेना जारी रख सकत हव।
एहु हो सकत हे कि दवइ के कारन आपमन के चमड़ी, दांत या बाल के रंग नारंगी, गुलाबी या भूरा हो जाही। दवइ के कारन आपमन के मल, मूत्र, पसीना, थूक अउ आंसू के रंग भी बदल सकत हे। लेकिन इलाज के एक बरस के भीतर ए सबो प्रतिक्रिया ठीक हो जाथे। एखर ले आपमन के सरीर ले कोनो नुकसान नइ होवए। हालांकि, हम समझ सकत हन के ए सबो ल संभालना आसान नइ हे। अगर आपमन ल कोनो परकार के मानसिक समसिया होत हे, त डराहु झन। कइझन मरीज संग अइसन होथे। अइसन हालात म कोनो स्वास्थ्य कारकरता संग बात करना चाही अउ मनोवैज्ञानिक सहायता मांगना चाही।