कोढ़ के रोग के कारन कइसन मानसिक समसिया पइदा हो सकत हे?
अगर कोनो मनखे हर कोढ़ के बीमारी ले पीड़ित हे, त ओला कइ परकार के समसिया ले निपटे के जरुवत होथे। ओला अपन बीमारी के बारे म अउ अपन सरीर के दुरबलता के बारे म डर लग सकत हे। हो सकत हे बीमारी के ओखर सरीर म कइठन बदलाव आए हो, लेकिन ओला अपन आप ल कमती नइ समझना चाही। जातसमाज म गलत मान्यता अउ भेदभाव के कारन, परभावित मनखे ल समाजिक तिरिस्कार के सामना करना पड़ सकत हे।
भले ए बात हर सच नइ होवए, लेकिन परभावित मनखे ल लग सकत हे के ओखर जिनगी के कोनो उदेस नइ रहि गे हे। ओला अपन पढ़ाइ-लिखाइ, कामकाज अउ भविस के योजना ल लेके डर हो सकत हे। खासकर नोनीमन अउ माईलोगन ल अइसन डर जादा होथे, काबर के आदमीजात के तुलना म इन मन कम पढ़े-लिखे होथें। आपमन अपन आप ल दूसर उपर आसरित महसूस कर सकत हव अउ आपमन के भीतर अइसन डर हो सकत हे कि आपमन के समाजिक मोल कहुं कम झन हो जाए, या फेर आपमन ल परिवार ले अलग-बिलग झन कर दे जाए। आपमन ल अपन नउकरी अउ गरीबी के बारे म घलोक डर हो सकत हे।
अइसन सबो हालात हर, अउसाद, भारी संसो या फेर आत्मघाती विचार जइसन मानसिक समसिया के जनम दे सकत हे। लेकिन अइसन हालात म घबराहु झन, आपमन पागल नइ होए हव। अउ अइसन समसिया झेलना वाला केवल आपेमन नइ हव।
दुनियाभर म लाखन मन अइसन अनुभव करथें, अउ कइठन रद्दा अइसन हे जेखर ले आपमन ल सहायता मिल सकत हे। आपमन कोनो स्वयं सहायता समूह म सामिल हो सकत हव, जिहां आपमन अपन भावना के बारे म दूसर मनखे मन संग गोठिया सकत हव। इहां आपमन अपन अधिकार अउ ओखर उपयोग के बारे म जान सकत हव। आपमन अपन जिनगी फइसल ले बर सीख सकत हव अउ जिनगी म नियंत्रन बना सकत हव। वइसे, व्यक्तिगत सहायता के घलोक विकल्प होथे, जेखर जरिया आपमन मनोवैज्ञानिक सहायता मांग सकत हव। नीचे बताए गे माडयूल म एखर बारे म विस्तार ले बताए गे हे। एखर अलावा, किरपा करके कोनो स्वास्थ्य कारकरता संग बात करव अउ मनोवैज्ञानिक सहायता के दूसर विकल्प के बारे म पूछव।