कोनो करीबी के आत्महत्या के बाद मोला अपन सुरछा काबर करना चाही?
दुरभाग ले जादातर मनखे मन आत्महत्या के बारे म जादा नइ जानें अउ एखर बारे म बात करे म संकोच करथें। कईझन मन असंवेदनसील होथें अउ जानबूझ के पीरादई या निरदयता ले बयान दे सकत हें। जइसे के ‘तुंहर बहिनी हा खुद ल मार डरिस, काबर के ओ हर पगली रिहिस।’ कई देस म आत्महत्या ल कलंक माने जथे। एखर सेती तुमन ल अपन सुरछा डहर धियान देना चाही।
आत्महत्या के बारे म, कोन ल बताना हे, कोन ल नइ बताना हे, एखर बारे म सचेत रहव। तुमन एखर चरचा, उही मनखे संग करव, जेन तुंहर परिवार के सदस अउ संगवारी हे, जिंखर उपर तुमन भरोसा करथव। लेकिन अगर दूसर मनखे मन बाहिर ले सुन के तुंहर तिर अथें अउ घटना के बारे म पूछथें, त तुमन ओमन ल बिनती करके कहि सकत हव, “मैं हर ए बारे म बात नइ करना चाहत हंव”। जिंखर संग तुमन सहज नइ हव, उंखर संग तुमन ल बात करे के जरूवत नइ हे।
खुद ल बने होए बर समय देवव। अइसन कोनो भी मनखे या जिनिस ले दुरिहा रहव, जेन हर तुंहर बर समसिया पइदा कर सकत हे। अइसन मनखे अउ जगा ले दुरिहा रहव, जेन तुमन ल परसान करथें। अगर कोनो हर अपमानजनक बात कहिथे, त जतना जल्दी हो सके, ओखर करा ले दुरिहा हो जावव।
जब तुमन सदमा ले बाहिर आ जाव अउ जब तुमन ल बने लगे, तब तुमन अइसन मनखे के सामना कर सकत हव, जेन मन अगियानी अउ आत्महत्या के परति असंवेदनसील रहिथें। लेकिन अइसन तब तक नइ करना चाही, जब तक तुमन भाउनात्मक अउ मानसिक रूप ले मजगुत नइ हो जाव।