कोन किसम के गलत मान्यता हर परिवारिक झगरा के कारन बन सकत हे?

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दुरभाग ले, कई देस म पुरूस अउ महिला के बीच म लैंगिक असमानता अउ असमान सक्ति संबंध अभी तक ले मउजूद हे। अउ अइसन असमानता के जर म कईठन गलत मान्यता रहिथे, जइसे:

  • पुरूस हर महिला ले बेहतर होथे।
  • माईलोगन, बेकार होथें अउ अपन परिवार उपर बोझा होथें।
  • माईलोगन उपर पुरूस के मालिकाना हक होथे।
  • परिवार म बंद कपाट के पाछु जेन कुछु होथे, तेन हा निजी मामला हरे।


कईठन परिवार म बाबूमन ल नोनीमन के तुलना म जादा महातम दे जथे। ए माने जथे के बाबूमन परिवार के संपत्ति बढ़ाए म जादा योगदान दे सकत हें, बाबूमन दाई-ददा के बुढ़ापा म उंखर सहारा बनथें, अउ दाई-ददा के मउत के बाद ओमन किरियाकरम करथें अउ वंस ल आगु बढ़ाथें। ए सबो कारन ले नोनीमन ल कमती स्तनपान कराए जथे, ओमन ल कम जेवन अउ कम इलाजपानी के सुविधा दे जथे। कई पइत त ओमन ल कम पढ़ाए-लिखाए जथे।


कईठन जात समाज म माईलोगन मन ल संपत्ति के मालिक नइ माने जाए या फेर ओमन ल विरासत म संपत्ति नइ मिले। ओमन पइसा कमाए ल नइ सकें या फेर करजा नइ ले सकें। अगर उंखर तलाक हो जथे, त उंखर तीर अपन लईका या संपत्ति ल रखे के अधिकार नइ होवए। भलकुन माईलोगन तीर कानूनी अधिकार होवत होही, लेकिन जात-समाज के परंपरा के कारन ओमन अपन जिनगी के फइसला नइ कर सकें। महिला ल ये फइसला करे के अधिकार नइ रहय के परिवार के संपत्ति ल कइसे खरचा करना हे या कब स्वास्थ्य के देखभाल कराना हावे। ओमन घरवाला के अनुमति के बिना कोनो मेर आए-जाए ल नइ सकय या फेर समाजिक फइसला म भाग नइ ले सकय।

जब माईलोगन मन ल ये तरीका ले सक्ति ले वंचित करे जात हवय, त जियत रेहे बर पुरूसमन उपर निरभर रेहे ल पड़थे। जेखरे सेती ओमन अपन जिनगी ल बेहतर बनाए बर कोनो जिनिस ल नइ मांग सकें। अपन घरवाला के तुलना म उंखर कम चलथे। लईका पइदा करे के मामला म घलोक ओमन फइसला नइ ले सकय। अगर उंखर घरवाला दूसर महिला संग संबंध रखथे, तभो ओमन जादा कुछु नइ कहि सकय।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_29_2