जब मोला आत्महत्या के बिचार अथे त मैं का कर सकत हवं?
अगर तुमन लंबा बखत ले एकदमहेच उदास महसूस करत हव, अइसे लगत हे के कोनो उम्मीद नइ बांचे हावय, रोजदिन समसिया ल झेलत हव ओखर ले निपटे के कोनो उपाय नइ हे अउ जीये लायक कुछुच नइ बांचे हावय, त तुमन सोच सकत हव के आत्महत्या करई हर सिरिफ एकेठन उपाय हावय। लेकिन आत्महत्या कोनो भी समसिया के समाधान नइ होवए। भले तुमन ल अभी लगत हे के तुंहर समसिया के कोनो समाधान नइ हे, लेकिन आगु चलके तको अइसने रहि, ए बात सच नइ हे। भलकुन तुमन ल अभी कोनो समाधान नइ दिखत हे, लेकिन आगु चलके कोनो भी समाधान निकल सकत हे अउ तुमन ल अपन जिनगी के बागडोर ल कसके धरे बर लगही।
एक मिनट सोंचव: का तुमन हमेसा अइसनेच महसूस करत रेहेव, जइसन अभी करत हव? तुंहर जिनगी म कई बखत अइसन होइस होही, के तुमन ल ओतका बुरा नइ लगिस होही, जतका अभी लगत हे, हो सकत हे के तुंहर पुराना दौर बने तको रिहिस होही। हो सकत हे के तुंहर जिनगी म कोनो अइसन बदलाव अइस होही जेखर ले तुमन उदास महसूस करत हव? त का आगु घलो कोनो बदलाव नइ आ सके, जेखर ले तुंहर पीरा दूर हो जहि? एखरे सेती सबर रखव, ओ दिन जरूर अही जब सबो हालत बने-बने हो जाही। सुख अउ दुख के चकर के नाव ह जिनगी होथे।
धियान दे बर जरूरी बात:
अइसन बिचार, तुंहर आत्मघाती भाउना म काबू करे म तुंहर मदद कर सकत हे: