तपेदिक टीबी रोग का होथे?

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टीबी रोग, एकठन छोटकू रोगानु या फेर बैक्टीरिया के कारन होथे। एक पइत जब ये रोगानु कोनो महिला के सरीर मा घुस जाथे, तो वो हा टीबी ले संकरमित हो जाथे अउ लगभग जिंदगीभर एखर ले पीड़ित रहिथे। स्वस्थ मनखे मन टीबी के बीमारी ले लड़ लेथें। एखर ले संकरमित 10 मनखे मन ले केवल एक झन ही अपन जीवन मा टीबी ले बीमार होथे।


लेकिन अगर कोनो मनखे, कमजोर, कुपोसित, सक्कर बीमारी ले पीड़ित हे, या फेर छोटेकन हे या अब्बड़ बूढ़ागे या एचआईवी ले संकरमित हे ता टीबी ओखर सरीर उपर हमला करे बर सुरु कर देते। टीबी रोग हा जादातर फेफड़ा मा होथे, इहां टीबी के रोगानु उतक ला छेद देथे अउ रक्त वाहिका ला खतम कर देथे। जइसने, सरीर ए बीमारी ले लड़े के कोसिस करथे, ये छेदा मा मवाद अउ खून भरा जाथे।


बिना इलाजपानी के सरीर बेकार होए बर लगथे अउ परभावित मनखे हा लगभग पांच बछर के भीतर मर जाथे। अउ कोनो ला एचआईवी अउ टीबी, एके संग होगे ता बिन इलाजपानी के ओहा कुछे महीना मा मर सकत हे।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_15_3