दिव्यांगता के बारे म गलत बिचार का-का हावे?

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दुनिया म हर 10 म ले 1 झन महिला ल दिव्यांगता होथे जेखर सेती रोजदिन के जिनगी परभावित होथे। एखर सेती ओला रेंगे म, उठे म, देखे म, सुने म या फेर अपन दिमाग के उपयोग करे म कठिनई होथे।


ए अध्याय म, हमन “दिव्यांग माईलोगन” के बजाए “माईलोगन म दिव्यांगता” के सब्द के परयोग करत हन। अइसन हमन लोगन ल ए याद दिलाए के खातिर करत हन के भले ही महिला ल ओखर दिव्यांगता हा बुता करे म रोक सकत हे, फेर दुसर तरीका ले वो हा आन महिला जइसे ही होथे। वो हा सबले पहिली एक झन महिला ही हरय।

ए बात ले कोनो फरक नइ पड़ए के कोनो महिला के दिव्यांगता के कारन का हे, लेकिन वो हा दूसर सामान्य माईलोगन के बरोबर उत्पादक हो सकत हे। ओला बस, अपन कउसल के बिकास करे के अउसर के जरूवत हे।


असल म, हमर रीति-रिवाज अउ सोंच बिचार हा, अकसर लोगन के मन म दिव्यांगता के बारे म गलत-सलत बिचार पइदा करथे। उदाहरन बर, अकसर लोगन ए सोचथें के कोनो महिला एखर सेती दिव्यांग हे, काबर कि ओहा पिछला जनम म कोनो गलत काम करे रिहिस हे, अउ अब ओहा ओखर सजा भुगतत हे। हमर जातसमाज म एहु कहे जथे के कोनो महिला के दिव्यांगता हा दूसर म फइल सकत हे, एखर ले दूसर मनखे ओखर तीर म आए बर डर्राथें। धियान रखव के दिव्यांगता के कारन कोनो गलत काम नइ होवए।

Sources
  • Audiopedia ID: hne_10_1